Monday, November 21, 2011

एसबेस्टोस का कैन्सरपोशी प्रभाव और मौत के मुह में समाते मजदूर

किसी उत्पाद लगभग 60 देशो में एसबेस्टोस का उपयोग इसके कैन्सरपोशी प्रभाव के कारण प्रतिबंधित है. भारत में भी सफेद ऐस्बेस्टॉस के उपयोग और आयात पर प्रतिबंध लगाने की तत्काल जरुरत है. आदिवासी जिला झाडोल में एसबेस्टोस खदानों में काम करने वाले मजदूरों के मरने का सिलसिला जारी है. 2007 में हुए सर्वे से पता चला की ५६ मजदूर एसबेस्टोस जनित रोगों के शिकार है. हाल के सालो में झाडोल के 126 मजदूरो में से 21 मर चुके है. उदयपुर के कलक्टर की मदद से, जून 2011 में 88 लोगो की तीन दिन तक जांच की गयी थी. इसी क्रम में नवम्बर 13 को एक और मजदूर की मौत हो गयी. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राजस्थान सरकार से एस्बेस्टस से हुए रोगी लोगो के सम्बन्ध में रिपोर्ट मांगी है.

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