एस्बेस्टॉस डिज़ीज़ अवेयरनेस आर्गेनाइजेशन (ADAO) ने 17वां वार्षिक “ग्लोबल एस्बेस्टॉस अवेयरनेस वीक” 1-7 अप्रैल, 2021 लांच किया. बैन एस्बेस्टॉस नेटवर्क ऑफ इंडिया (BANI) ADAO की पार्टनर है. एस्बेस्टॉस और ADAO एस्बेस्टॉस मुक्त विश्व के लिए प्रयासरत है.
COVID-19 के कारण एस्बेस्टॉस-रोग से ग्रस्त रोगियों के लिए जोखिम बढ़ गया है, ऐसे में एस्बेस्टॉस को लेकर जागरूकता पहले से कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण हो गई है।
वाशिंगटन, DC, स्थित एस्बेस्टॉस डिज़ीज़ अवेयरनेस आर्गेनाइजेशन (ADAO) जो कि एस्बेस्टॉस से संपर्क खत्म करने और एस्बेस्टॉस के कारण होने वाले सभी रोगों का खात्मा करने के लिए समर्पित एक अलाभकारी संगठन है, ने आज 17वें वार्षिक ”ग्लोबल एस्बेस्टॉस अवेयरनेस वीक” 1-7 अप्रैल, 2021 को लांच करने की घोषणा की।
ग्लोबल एस्बेस्टॉस अवेयरनेस वीक शिक्षा, जागरूकता और रोकथाम के लिए है, जिसमें हर दिन अग्रणी संगठनों और विशेषज्ञों द्वारा शैक्षिक संसाधनों, वीडियो, और एस्बेस्टॉस के शिकार हुए रोगियों की कहानियों को पेश किया जाएगा। अधिकांश सामग्रियों को पांच भाषाओं (स्पेनी, फ्रेंच, पुर्तगाली, रूसी और हिन्दी) में अनुवादित किया जाएगा ताकि इसे विश्वस्तर पर जागरूकता के अवसर वाला सप्ताह बनाया जा सके। विश्वस्तर पर वर्चुअल मोमबत्ती जलाओ अभियान के साथ 7 अप्रैल को इस सप्ताह का समापन होगा।
हमारे पार्टनरों की क्षमताओं और सहयोग पर आधारित इस वर्ष ग्लोबल एस्बेस्टॉस अवेयरनेस वीक निम्न पर केंद्रित होगाः
-एस्बेस्टॉस के खनन, उत्पादन और उपयोग पर प्रतिबंध
-एस्बेस्टॉस से संपर्क की रोकथाम
-मौजूदा कानूनों और विनियमों का अनुपालन और प्रवर्तन बढ़ाया जाना
-अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियां मज़बूत बनाना
“हमें विश्वस्तर पर लोगों के सामने अपने शैक्षिक संदेश प्रस्तुत करते हुए बड़ी प्रसन्नता है। COVID-19 ने उन लोगों के लिए दुनिया को और भी अधिक खतरनाक बना दिया है जो एस्बेस्टॉस के कारण किसी रोग से जूझ रहे हैं, और अब लोगों के लिए एस्बेस्टॉस के खतरों को, तथा घरों, स्कूलों, कार्यस्थलों और उपभोक्ताओं की शेल्फों में इससे संपर्क की रोकथाम के बारे में समझना पहले से बहुत ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो चुका है।” मेसोथेलियोमा से ग्रस्त दिवंगत पति की विधवा और ADAO की सह-संस्थापिका लिंडा राइनस्टाइन (Linda Reinstein) ने इस बारे में अपने विचार रखते हुए यह कहा।
“सीधी-सपाट सच्चाई यह है कि एस्बेस्टॉस घातक है। एस्बेस्टॉस को मनुष्यों में कैंसर उत्पन्न करने वाला पाया गया है, और इससे संपर्क का कोई सुरक्षित स्तर नहीं है। नई संभावनाओं वाले जारी अनुसंधानों के साथ, इसकी रोकथाम ही एकमात्र इलाज है। लगभग 70 देशों ने एस्बेस्टॉस को प्रतिबंधित किया हुआ है, फिर भी अमेरिका में इसे आयात और उपयोग करने की अनुमति है।” ऐसा राइनस्टाइन (Reinstein) ने आगे बताया।
20 वीं शताब्दी में, एस्बेस्टॉस का विनिर्माण, जहाज निर्माण, और वाहन उद्योग में बहुतायत से उपयोग किया जाता था। हालांकि बहुत से देशों ने एस्बेस्टॉस को प्रतिबंधित किया हुआ है, लेकिन अमेरिका में ऐसा नहीं है। और इस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाए बिना, एस्बेस्टॉस में पाया जाने वाला कैंसर उत्पन्न करने वाला तत्व कानूनी तौर पर बना रहेगा, जिसे दुनिया के अनेक देशों में घातक माना गया है। दुनिया भर में हर साल, 200,000 से अधिक लोग एस्बेस्टॉस संबंधी रोगों के कारण मारे जाते हैं, जिनको बचाया जा सकता है। बैन एस्बेस्टॉस नेटवर्क ऑफ इंडिया (BANI) के डॉ गोपाल कृष्ण ने कहा कि एस्बेस्टॉस से मुक्ति के साझा प्रयास के कारण 70 देशों ने एस्बेस्टॉस के खनन, उत्पादन, व्यापार और प्रयोग पर पाबंदी लगा कर वर्तमान व भविष्य के मानव जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
ग्लोबल एस्बेस्टॉस अवेयरनेस वीक के बारे में अधिक जानकारी के लिए, देखें: https://bit.ly/2OOdeUb
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एस्बेस्टॉस डिज़ीज़ अवेयरनेस आर्गनाइजेशन के बारे में:एस्बेस्टॉस डिज़ीज़ अवेयरनेस आर्गेना इजेशन (ADAO) को एस्बेस्टॉस के शिकारों और उनके परिवारों द्वारा 2004 में स्थापित किया गया था। ADAO अमेरिका का ऐसा सबसे बड़ा अलाभकारी संगठन है जो अपने शैक्षिक, जनपैरवी, और सामुदायिक कार्यक्रमों के माध्यम से एस्बेस्टॉस पीड़ितों और चिंतित नागरिकों की आवाज़ एकजुट करने के लिए प्रतिबद्ध है। ADAO एस्बेस्टॉस से संपर्क के खतरों के बारे में जनजागरूकता बढ़ाने का प्रयास करता है, एस्बेस्टॉस पर प्रतिबंध का समर्थन करता है और एस्बेस्टॉस पीड़ितों के नागरिक अधिकारों की रक्षा करता है.
बैन एस्बेस्टॉस नेटवर्क ऑफ इंडिया के बारे मे:
नईं दिल्ली स्थित बैन एस्बेस्टॉस नेटवर्क ऑफ इंडिया (BANI) साल 2000 से भारत को एस्बेस्टॉस जनित रोगों से मुक्त करने के लिए प्रयासरत है. BANI देश का सबसे पुराना व प्रमुख एस्बेस्टॉस विरोधी गठबंधन है. यह गठबंधन जहाजों को भी एस्बेस्टॉस मुक्त कराने के अभियान मे भूमिका अदा कर रहा है.